Departments
Department of Hindi (हिन्दी विभाग)
राजकीय महाविद्यालय दुगनाकुरी की स्थापना वर्ष 2014 में स्नातक स्तर पर छः विषयों सहित हुई। इसमें मुख्य रूप से हिन्दी विषय में अधिकतर छात्रों ने प्रवेश लिया और 2014 से अब तक कई विद्यार्थी हिन्दी विषय में अच्छे अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण हो चुके हैं। वर्तमान समय में हिन्दी विभाग महाविद्यालय के उत्कृष्ट विभागों में एक है। इस विभाग द्वारा प्रति वर्ष कई कार्यक्रम किए जाते हैं और विभाग की ओर से छात्रों के उत्साहवर्धन हेतु पुरस्कार वितरण भी किए गए ।
Dr. Gopal Ram
Assistant Professor
Hindi
Department of English (अंग्रेजी विभाग)
About Department of English
The Department of English has been an inseparable part of the institution since the very inception of the college. At present, there are 7 students enrolled in the department in the session 2023-24. Teaching Prose, Poem and Drama has been a striking feature of the department as the department has been well aware of the needs and perceptions of students towards the subject. Consequently, the same department has been unique in identifying the student-centric orientation and tries to nurture excellence in students. Interactive and fruitful classes have been an important component and parcel of the department for enriching student's vision toward literary inclination. The department has books of international standards available in the library including English Minor, Competitive exams and Engage. The number of books in library concerning the discipline of English (including the same title) amounts to 78. Students are eagerly engaged in their studies and attain well-to-do results. Spoken English Classes (except regular syllabus-based) are also taken to provide better results to the students in the concerned subject which remains a central focus of the college as a whole.
Mr. Ajay Arya
Assistant Professor
English
Department of Sanskrit (संस्कृतविभागः)
अथ संस्कृतविभागः
शहीद-महेन्द्र -सिंह- भाकुनी-राजकीय - महाविद्यालयस्य आरम्भादेव चतुर्दशाधिकद्विसहस्रतमे वर्षे (2014) अत्र स्नातकोपाधौ कलावर्गे (बी. ए.) अनन्यतमः "संस्कृतम्" इति विषयः स्वीकृतोऽभवत् अथ च संस्कृतविभागोऽपि स्थापितोऽभूत् । तत आरभ्य शताधिकविद्यार्थिनः संस्कृतविषयं स्वीकृत्य स्नातकोपाधे: विषयेषु स्नातकोपाधिं गृहीतवन्त आसन् । प्रतिवर्षम् अन्तेवासिन एतद्विषयं स्वीकुर्वन्ति एवं अस्मिन् विषये प्रायः शतप्रतिशतम् उत्तीर्णाः भवन्ति । अस्य विषयस्य रोजगारसम्भावनाविषये अनेका अवसराः सन्ति । अस्मिन् विभागे अधुना स्नातकस्तरे एवं संस्कृतविषयः पाठ्यते परं स्नातकोत्तरस्तरस्य कृतेऽपि महाविद्यालयः निरन्तरं प्रयासरतः विद्यते । उत्तराखण्डमुक्तविश्वविद्यालस्य स्नातकस्तरे स्नातकोत्तरस्तरेऽपि च संस्कृतविषयो भवति । तत् स्वीकृत्य विद्यार्थिनः एम.ए. संस्कृत इति कर्तुं शक्नुवन्ति । संस्कृतं कठिनं नास्ति अपितु अतीवसरलं विद्यते। अल्पपरिश्रममात्रेण अस्मिन् विषये महारतं प्राप्तुं शक्नुमः वयम् । अस्मिन् विभागे प्रतिवर्षं नानाविधाः प्रतियोगिताः आयोज्यन्ते, प्रतियोगिनः पुरस्कारान् प्राप्य सुखिनो विद्यन्ते। महाविद्यालस्य संस्कृतविभागे उत्तराखण्ड-लोक-सेवा- आयोगतः चयनितः सुयोग्यः डॉ. विवेककुमारवर्यः सहायकाचार्यः (असिस्टेंट प्रोफेसर) सितम्बरमासाद् एकविशत्यधिकद्विसहस्रतमवर्षान्निरन्तरं पाठयन् विद्यते ।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद्दुःखभाग् भवेत् । (बृहदारण्यकोपनिषद् - 1.4.14)
अर्थ- "सभी प्रसन्न रहें, सभी स्वस्थ रहें, सबका भला हो, किसी को भी कोई दुःख ना रहे।
डॉ. विवेक कुमारः, सहायकाचार्यः, संस्कृतविभागाध्यक्षश्च
डॉ. विवेक कुमारः, सहायकाचार्यः (संस्कृतम्) संस्कृतविभागाध्यक्षश्च
Department of Economics (अर्थशास्त्र विभाग)
About Department of Economics
Department of Economics is one of the pioneering department of the college. It was established in the year 2014 and Under Graduate classes started from the year 2014 onwards. At present there is one faculty member in the department. Dr. Swati (Assistant Professor) is the Head of the Department. She is Life Member of the Indian Economic Association and Uttar Pradesh and Uttarakhand Economic Association (UPUEA), Executive Committee Member in UPUEA and Mentor in Dev Bhoomi Udyamita Yojana. Department of Economics organizes quizzes, debates, extempore lectures and workshops for overall development of students time to time. Students are also encouraged and motivated to give their presentations for internal assessment using modern tools and techniques so that they can get themselves acquainted with the recent tools for expressing themselves.


Dr. Swati
Assistant Professor
Economics
Department of Political Science (राजनीति विज्ञान विभाग)
About Department of Political Science
प्राचीन समय से ही राजनीति विज्ञान विषय का लगातार विकास होता आ रहा है। वर्तमान युग में सामाजिकता के साथ भौतिकवादिता भी विद्यमान है। राजनीति विज्ञान विषय का मुख्य विषय क्षेत्र राज्य है। इस युग में राज्य का महत्व व कार्यक्षेत्र बहुत बढ़ गया है। आज राज्य मानव की जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित करता है। इस युग में व्यक्ति राज्य व राजनीति से संबद्ध है इसलिए राजनीति विज्ञान विषय की आवश्यकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। राजकीय महाविद्यालय दुगनाकुरी की स्थापना सत्र 2014-15 में शहीद महेन्द्र सिंह भाकुनी राजकीय महाविद्यालय दुगनाकुरी के नाम से हुई। महाविद्यालय की स्थापना के साथ ही राजनीति विज्ञान विभाग की भी स्थापना हुई। भविष्य में छात्र- छात्राएं परास्नातक स्तर पर भी राजनीति विज्ञान विषय का अध्ययन कर सकें, इस हेतु महाविद्यालय निरंतर प्रयासरत है । महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग की स्थापना के उपरांत विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष विभागीय परिषद् का गठन किया जाता है, जिसमें से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष का चयन किया जाता है तथा विभागीय परिषद् के तत्वाधान में भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता व वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा SWEEP (Systematic Voters Education and Electoral Participation) कार्यक्रम के तहत मतदाताओं के जागरूकता हेतु अनेक कार्यक्रमों का संचालन भी समय-समय पर किया गया है।
वर्तमान में दिव्या कटियार राजनीति विज्ञान विभाग प्रभारी के रूप में विभाग में कार्यरत हैं । इनसे पूर्व श्री प्रकाश चंद्र सिंह राजनीति विभाग के प्रभारी थे। छात्र-छात्राओं के शैक्षिक स्तर में वृद्धि हो सके, छात्रों के ड्रॉपआउट दर को कम किया जा सके, परीक्षा परिणाम में उत्तरोत्तर वृद्धि हो तथा छात्रों के सर्वांगीण व्यक्तित्व का विकास हो । पूर्वोक्त लक्ष्यों की प्राप्ति करना राजनीति विज्ञान विभाग का लक्ष्य है।
दिव्या कटियार, विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग
Divya Katiyar
Assistant Professor
Political Science
Department of Sociology (समाजशास्त्र विभाग)
About Department of Sociology
समाजशास्त्र सामाजिक संबंधों एवं सामाजिक समूहों का विज्ञान है, जो बृहद रूप से सम्पूर्ण समाज के वैज्ञानिक अध्ययन से संबंधित है। इसके माध्यम से समाजशास्त्री सामाजिक प्रक्रियाओं, सामाजिक संरचना आदि का अध्ययन करते हैं। इसमें शोध प्रविधि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समाजशास्त्र समाज का अमूर्त अध्ययन करते हुए समाज में पाये जाने वाले विभिन्न सामाजिक संबंधों जैसे वर्ग संबंध, लिंग संबंध आदि का अध्ययन करता है। किसी समाज की संस्कृति को समझते हुए समाजशास्त्री विभिन्न समाजों की विभिन्न संस्कृतियों का तुलनात्मक अध्ययन करते हैं । समाजशास्त्रियों की भूमिका सामाजिक नीति के निर्माण एवं क्रियान्वयन में सरकार की मदद करना है। समाजशास्त्री विभिन्न विधियों की मदद से समाज का वस्तुनिष्ठ अध्ययन करते हैं। राजकीय महाविद्यालय दुगनाकुरी की स्थापना सन् 2014-15 में हुई। जिसके साथ ही समाजशास्त्र विभाग महाविद्यालय में एक विभाग के रूप में स्थापित हो गया। यह विभाग विद्यार्थियों को स्नातक स्तर की शिक्षा प्रदान करता है तथा भविष्य में स्नातकोत्तर स्तर पर भी शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु प्रयासरत है। महाविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की स्थापना के उपरान्त विभाग द्वारा समय- समय पर विद्याथ्थियों को विभिन्न्न प्रकार की दक्षता प्रदान की जाती रही है जो विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के उज्ज्वल अकादमिक भविष्य को बेहतर बनाने हेतु हर प्रकार से प्रयत्नरत है। इस विषय में विद्यार्थियों का झुकाव देखते हुए विगत पांच वर्षों में लगभग 150 विद्यार्थियों ने शिक्षा प्राप्त की है। प्रत्येक र्ष विद्यार्थियों की संख्या घटती- बढ़ती रहती है परन्तु विभाग की और से प्राध्यापक द्वारा विद्यार्थियों के उत्थान हेतु भरसक प्रयास किया जा रहा है। समाजशास्त्र विभाग का लक्ष्य विद्यार्थियों में बहुमुखी प्रतिभा का विकास करना, विद्यार्थियों के अकादमिक रुझान में वृद्धि करते हुए विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगिताओं हेतु तैयार करना है।
डॉ. प्रफुल्ल गुप्ता विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र


Dr. Prafull Gupta
Assistant Professor
Sociology
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Dr. Vivek Kumar (Assistant Professor, Sanskrit)
Shaheed Mahendra Singh Bhakuni Rajkiya Mahavidyalaya Dugnakuri (Banlekh), Janpad Bageshwar
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